यदि मुसलमान व्यक्ति हज्ज के फरीज़ा की अदायगी करना चाहे और उसके ऊपर ऋण अनिवार्य हो, तो अगर वह ऋण वाले या वालों (लेनदारों) से अनुमति ले ले और उसे हज्ज की अनुमति मिल जाए, तो क्या उसका हज्ज सही (शुद्ध) है ॽ
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
यदि वस्तुस्थिति वैसे ही है जैसा कि उल्लेख किया गया है कि ऋणदेने वाले या ऋण देनेवालों ने आपको आपके ऊपर उनका जो ऋण है उसे भुगतान करने से पहलेहज्ज करने की अनुमति प्रदान कर दी है, तो आपके ऊपर भुगतान करने से पहले हज्ज करने में कोई हरज (आपत्तिया गुनाह) की बात नहीं है, और इस स्थितिमें आपके उन लोगों का ऋणी होने का आपके हज्ज के शुद्ध होने पर कोई प्रभाव नहीं है।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ देने वाला है।