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8989/राबी प्रथम/1445 , 24/सितंबर/2023

क्या कागजी मुद्रा के निसाब का अनुमान चाँदी के हिसाब से लगाया जाएगा या सोने के हिसाब सेॽ

Question: 370380

मैं उज़्बेकिस्तान से हूँ, और उज़्बेकिस्तान के मुस्लिम बोर्ड ने घोषणा की है कि ज़कात के निसाब (न्यूनतम सीमा) की मात्रा $2,700 है। लेकिन 85 ग्राम शुद्ध सोने का मूल्य 5,100 डॉलर है। क्या मैं इस मामले में उज़्बेकिस्तान के मुस्लिम बोर्ड का अनुसरण करने के लिए बाध्य हूँ? यानी : अब मैं अपनी ज़कात का हिसाब कैसे लगाऊँॽ मैं अपनी जकात की गणना किस प्रकार करू? क्या मैं अपनी ज़कात की गणना शुद्ध सोने से करूँ या उज़्बेकिस्तान के मुस्लिम बोर्ड के फतवे के अनुसार करूँॽ

Answer

Praise be to Allah, and peace and blessings be upon the Messenger of Allah and his family.

कागजी मुद्रा के निसाब का अनुमान लगाने में सही दृष्टिकोण यह है कि : उसका अनुमान चाँदी के निसाब से लगाया जाएगा, सोने के नहीं, क्योंकि यह गरीबों के सर्वोत्तम हित में है।

चाँदी का निसाब (ज़कात अनिवार्य होने की न्यूनतम मात्रा) 595 ग्राम है। अतः जिसके पास उसके मूल्य के बराबर पैसा (केश) है, उसपर ज़कात अनिवार्य है।

पहले के फ़ुक़हा (धर्म शास्त्रियों) ने व्यापारिक वस्तुओं के संबंध में इसी का निर्णय लिया, क्योंकि उन्होंने गरीबों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखा।

उन्होंने “अर-रौज़ अल-मुरबे'” पृष्ठ : 211 में कहा : “वर्ष पूरा होने पर व्यापारिक वस्तुओं का मूल्यांकन सोने या चाँदी में से उसके अनुसार किया जाएगा जो गरीबों के सर्वोत्तम हित में है। यदि उनका मूल्य दोनों में से किसी एक के अनुसार निसाब तक पहुँचता है, दूसरे के अनुसार नहीं, तो उसका एतिबार किया जाएगा जिसके अनुसार निसाब को पहुँचा है।” उद्धरण समाप्त हुआ।

मुस्लिम वर्ल्ड लीग की फ़िक़्ह परिषद का निर्णय और सऊदी अरब में वरिष्ठ विद्वानों की परिषद का निर्णय, तथा स्थायी समिति और शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह की पसंद और अन्य विद्वानों का विचार है कि :  गरीबों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए, नकदी (केश) का मूल्यांकन सोने या चाँदी के निसाबों में से न्यूनतम मात्रा के आधार पर किया जाएगा।

“मुस्लिम वर्ल्ड लीग की फ़िक़्ह काउंसिल” के एक निर्णय (क़रार-दाद) में कहा गया है : “कागज़ी मुद्रा (बैंक नोटों) पर ज़कात का भुगतान करना अनिवार्य है यदि उनका मूल्य सोने या चाँदी के निसाबों में से सबसे कम निसाब तक पहुँच जाए, या यदि वह अन्य धनों [सोने और चाँदी] और व्यापारिक वस्तुओं के साथ मिलकर निसाब को पूरा कर ले।” (क़रार-दाद संख्या : 6, पृष्ठ : 101) से उद्धरण समाप्त हुआ।

तथा “फतावा अल-लजनह अद-दाइमा” (9/257) में कहा गया है : “प्रश्न : हम डॉलर में (ज़कात के) निसाब की मात्रा जानना चाहते हैं।

उत्तर : डॉलर और अन्य कागज़ी मुद्राओं में ज़कात के निसाब की मात्रा : वह है जिसका मूल्य बीस मिसक़ाल सोने या एक सौ चालीस मिसक़ाल चाँदी के बराबर हो, उस समय जब डॉलर या अन्य मुद्राओं (करेंसियों) में आप पर ज़कात अनिवार्य होती है। और यह दोनों निसाबों में उसके अनुसार होना चाहिए, जो गरीबों के सर्वोत्तम हित में हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि क़ीमतें समय-समय पर और एक देश से दूसरे देश में भिन्न होती हैं।

और अल्लाह ही सामर्थ्य प्रदान करने वाला है। तथा अल्लाह हमारे पैगंबर मुहम्मद और उनके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।

अब्दुल्लाह बिन क़ऊद … अब्दुल्लाह बिन ग़ुदैयान … अब्दुर-रज़्ज़ाक़ अफ़ीफ़ी … अब्दुल-अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़।” उद्धरण समाप्त हुआ।

देखें : “मजमूओ फ़तावा बिन बाज़” (14/125)।

इसके आधार पर, आपको यह देखना चाहिए कि 595 ग्राम चाँदी की कीमत कितनी है। यदि आपकी नकदी (केश) उस राशि के बराबर हो जाती है, तो उस पर ज़कात अनिवार्य है। इसलिए आप 2.5% अदा करेंगे।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

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