मेरी पत्नी ने हज्ज का कर्तव्य पूरा नहीं किया है, तो क्या मेरे ऊपर अनिवार्य है कि मैं उसे हज्ज कराने के लिए लेकर जाऊँ और क्या हज्ज में उसका खर्च मेरे ऊपर अनिवार्य है?
क्या पति के लिए ज़रूरी है कि वह अपनी पत्नी को हज्ज कराए?
प्रश्न: 41730
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकारकी प्रशंसा औरगुणगान केवल अल्लाहके लिए योग्य है।
”यदि पत्नीने विवाह के अनुबंधमें शर्त लगायाथा कि वह उसे हज्जकरायेगा, तो उसके ऊपरअनिवार्य है किवह इस शर्त को पूराकरे औरउसे हज्ज कराए।क्योंकि नबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमका फरमान हैः ”तुम्हारेपूरा किए जानेका सबसे अधिक हक़दारशर्त वह है जिसकेद्वारा तुम नेशरमगाहों को हलालकिया है।” जबकिअल्लाह का फरमानहैः
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا أَوْفُوا بِالْعُقُودِ [المائدة :1]
ऐ ईमान लानेवालो!प्रतिज्ञाओं कापूर्ण रूप से पालनकरो।” (सूरतुलमायदाः 1).
तथा अल्लाहने फरमाया :
وَأَوْفُوا بِالْعَهْدِ إِنَّ الْعَهْدَ كَانَ مَسْؤُولاً [الإسراء : 34]
और प्रतिज्ञापूरी करो। प्रतिज्ञाके विषय में अवश्यपूछा जाएगा।” (सूरतुलइस्राः 34).
परन्तु यदिउसने उसके ऊपरशर्त नहीं लगाईहै, तोऐसी स्थिति मेंउसके लिए ज़रूरीनहीं है कि वह उसेहज्ज कराए, लेकिन मैंउसे कुछ बातोंकी वजह से हज्जकराने की सलाहदेता हूँ :
सर्व प्रथम: अज्र व सवाब प्राप्तकरने के लिए, क्योंकि उसकेलिए उसी की तरहअज्र व सवाब लिखाजायेगा जो उसके(यानी पत्नी के)लिए लिखा गया है, जबकि उसनेहज्ज का फरीज़ाअदा कर लिया।
दूसरा : यहउन दोनों के बीचअंतरंगता औरअपनेपन का कारणहै और जो भी चीज़पति और पत्नी केबीच अंतरंगताऔर अपनापन पैदाकरनेवाली हो, तो उसका हुक्मदिया गया है।
तीसरा : इसकाम पर उसकी प्रशंसाऔर सराहना की जाए, और उसका अनुसरणकिया जाए।
अतः उसे चाहिएकी अल्लाह से मददमांगे और अपनीपत्नी को हज्जकराए, चाहे उसनेउसके ऊपर इसकीशर्त लगाई हो याशर्त न लगाई हो।लेकिन अगर उसनेशर्त लगाई थी तोउसके ऊपर उसे पूराकरना अनिवार्यहो जाता है।” अंत
स्रोत:
फज़ीलतुश्शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह। ''फतावा इब्ने उसैमीन'' (21/114)