डाउनलोड करें
0 / 0

क्या अज़ान सुनने से पहले रोज़ा इफ्तार करना जायज़ हैॽ

प्रश्न: 78416

क्या अज़ान से कुछ सेकंड पहले खाना जायज़ है, जबकि ज्ञात रहे कि मैं अज़ान नहीं सुनता हूँ और यह शीयों का क्षेत्र है जो हमारी अज़ान के बाद अज़ान देते हैंॽ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

जब सूरज डूब जाए तो रोज़ेदार के लिए रोज़ा इफ़्तार करना जायज़ हो गया, चाहे मुअज़्ज़िन अज़ान दे या अज़ान न दे। क्योंकि सूर्य के डूबने का एतिबार है। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान हैः

“जब रात यहाँ से आ जाए और दिन यहाँ से चला जाए और सूरज डूब जाए तो रोज़ेदार के इफ्तार का समय हो गया।” इसे बुखारी (हदीस संख्या : 1954) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1100) ने रिवायत किया है।

इब्ने दक़ीक़ अल-ईद कहते हैं : ''इस हदीस में शीया का खण्डन है उनके रोज़ा इफ्तार को सितारों के प्रकट होने तक विलंब करने में।'' ''फत्हुल बारी'' से समाप्त हुआ।

कुछ मुअज़्ज़िन लोग सूर्यास्त के बाद कुछ अवधि के लिए विलंब करते हैं, तो उसके अज़ान का एतिबार नहीं है, और उसका यह कार्य नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मार्गदर्शन (तरीक़े) के विरुद्ध है, जिन्हों ने हमें सुर्यास्त के बाद रोज़ा इफ़्तार करने में जल्दी करने पर उभारा है, चुनाँचे आप ने फरमायाः ''लोग निरंतर भलाई में रहेंगे जब तक वे रोज़ा इफ़्तार करने में जल्दी करते रहेंगे।'' इसे बुखारी (हदीस संख्याः 1957) और मुस्लिम (हदीस संक्याः 1098) ने रिवायत किया है।

रोज़ेदार के लिए उस समय रोज़ा इफ़्तार करना जायज़ है जब उसे सूर्य के डूबने का प्रबल गुमान हो जाए और यक़ीन का प्राप्त होना शर्त नहीं है, बल्कि गुमान का अधिक होना पर्याप्त है।

अतः जब रोज़ेदार को गालिब गुमान हो जाए कि सूरज डूब गया है और उसने इफ़्तार कर लिया, तो उसके ऊपर कुछ भी अनिवार्य नहीं है।

जबकि उसके लिए ऐसी स्थिति में रोज़ा इफ़्तार करना जायज़ नहीं है जब उसे उसके डूबने के बारे में संदेह हो।

शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह फरमाते हैः

''रोज़ा इफ़्तार करने में जल्दी करना मस्नून है, अर्थात् जब सूरज डूब जाए तो उसमें जल्दी करना चाहिए। अतः एतिबार सूरज के डूबने का है, अज़ान का नहीं। विशेषकर वर्तमान समय में जहाँ लोग कैलेंडर पर निर्भर करते हैं, फिर कैलेंडर का एतिबार अपनी घड़ियों के अनुसार करते हैं, और उनकी घड़ियों में बदलाव हो सकता है, वे आगे या पीछे हो सकती हैं। अतः अगर सूरज डूब जाए और आप उसको देख रहे हों, और लोगों ने अभी तक अज़ान न दिया हो, तो आप रोज़ा इफ्तार कर सकते हैं। जबकि यदि वे अज़ान दे दें और आप देख रहे हों कि सूरज नहीं डूबा है, तो आपके लिए रोज़ा इफ्तार करने की अनुमति नहीं हे। क्योंकि अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः

“जब रात यहाँ से आ जाए और आप ने पूर्व की ओर इशारा किया, तथा दिन यहाँ से चला जाए और आप ने पश्चिम की ओर इशारा किया, और सूरज डूब जाए तो रोज़ेदार के इफ्तार का समय हो गया।”

तथा तेज रोशनी का अस्तित्व हानिकारक नहीं है। चुनाँचे कुछ लोगों का कहना है: हम ऐसे ही रहेंगे यहाँ तक कि सूरज की टिकया लुप्त हो जाए और कुछ अंधेरा शुरू हो जाए, तो इसका कोई एतिबार नहीं है। बल्कि आप सूरज की टिकया को देखें जब उसके ऊपर का भाग गायब हो जाए, तो वास्तव में सूरज डूब गया और रोज़ा इफ्तार करना मस्नून (धर्मसंगत) हो गया।

इफ्तारी में जल्दी करने के सुन्नत होने का प्रमाणः आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का यह फरमान हैः ''लोग निरंतर भलाई में रहेंगे जब तक वे रोज़ा इफ़्तार करने में जल्दी करते रहेंगे।'' इससे हमें पता चलता है कि जो लोग इफ्तार को सितारों के प्रकट होने तक विलंब करते हैं जैसे कि राफ़िज़ा (शिया) लोग, वे भलाई में नहीं हैं।

यदि कोई कहने वाला कहेः क्या मैं अधिक गुमान के आधार पर रोज़ा इफ़्तार कर सकता हूँ, अर्थात अगर मेरा अधिक गुमान यह हो कि सूरज डूब गया है, तो क्या मैं रोज़ा इफ़्तार कर सकता हूँॽ

तो इसका जवाब यह है कि : हाँ, और इस का प्रमाण वह हदीस है जो सहीह बुखारी में अस्मा बिन्त अबू बक्र रज़ियल्लाहु अन्हुमा से साबित है कि उन्हों ने फरमाया : ''नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के समयकाल में एक बदली वाले दिन में, हमने रोज़ा इफ्तार कर लिया, फिर सूरज निकल आया।'' यह बात सर्वज्ञात है कि उन्हों ने ज्ञान (यक़ीन) के आधार पर रोज़ा नहीं खोला था। क्योंकि अगर उन्हों ने ज्ञान (यक़ीन) के आधार पर रोज़ा खोला होता तो सूरज प्रकट न होता। बल्कि उन्हों ने अधिक गुमान के आधार पर रोज़ा खोला था कि वह डूब गया है, फिर जब बदली छट गई तो सूरज निकल आया।''

समाप्त हुआ।

''अश-शर्हुल-मुम्ते (6/267)".

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android
at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android