यदि तवाफ़ या अरफात की ओर जाते हुए हाजी गैस पास कर दे तो वह क्या करे?
अरफा में ठहरने के लिए पवित्रता शर्त नहीं है
प्रश्न: 82029
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
सर्व प्रथम :
जम्हूर उलमा (विद्वानों की बहुमत) इस बात की ओर गए हैं कि पवित्रता के बिना तवाफ़ सही (मान्य) नहीं है। इसके बारे में विद्वानों के मतभेद का वर्णन प्रश्न संख्याः (34695) के उत्तर में बीत चुका है। अतः जिस व्यक्ति का, तवाफ़ के लिए जाते हुए, वुज़ू टूट जाए तो वह जाकर वुज़ू करे फिर अपना तवाफ़ शुरू करे। इसमें कोई शक नहीं कि यही सबसे बेहतर और सबसे अधिक सावधानी (एहतियात) का पक्ष है।
दूसरा :
जहाँ तक अरफात में ठहरने की बात है तो उसके लिए पवित्रता शर्त नहीं है। अतः हाजी के लिए कोई आपत्ति की बात नहीं है कि वह अरफात में बिना वुज़ू के ठहरे, और उसके लिए वुज़ू करना उसी समय अनिवार्य है जब वह नमाज़ पढ़ना चाहे। तथा विद्वानों ने इस बात पर सर्व सहमित व्यक्त की है कि मासिक धर्म वाली महिला और जनाबत वाले व्यक्ति का अरफा में ठहरना सही (मान्य) है।
इमाम नववी रहिमहुल्लाह “अल-मजमूअ” (8/140) में कहते हैं कि : “इब्नुल मुंज़िर ने कहा : विद्वानों ने इस बात पर सर्व सहमति व्यक्त की है कि अपवित्र पुरुषों और महिलाओं जैसे जनाबत वाले व्यक्ति और मासिक धर्म वाली महिला और अन्य लोगों का अरफा में ठहरना सही (मान्य) है।” अंत हुआ।
परंतु छोटी और बड़ी दोनों नापाकी (अशुद्धता) से पवित्र होना मुस्तहब है, क्योंकि वह वहाँ अल्लाह सर्वशक्तिमान का ज़िक्र (जाप) करेगा, और अल्लाह सर्वशक्तिमान का ज़िक्र (जाप) करने के समय वुज़ू करना मुस्तहब है।
देखें : कश्शाफुल क़िनाअ” (2/494).
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर
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