हम विश्वविद्यालय के छात्र हैं, लेकिन हम उस शहर में नहीं रहते जहाँ विश्वविद्यालय है। (वह दूसरे शहर में है)। क्या एक यात्री की तरह हमारे लिए नमाज़ क़स्र करना जायज़ हैॽ हम हर हफ्ते या दो हफ्ते में अपने शहर जाते हैं।
वे दूसरे शहर के विश्वविद्यालय में पढ़ने जाते हैं, तो क्या वे नमाज़ क़स्र कर सकते हैंॽ
प्रश्न: 84028
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
पहला :
जब आप अपने शहर में होते हैं या आप विश्वविद्यालय से वापस आते हैं, तो आप अपनी नमाज़ पूरी पढ़ेंगे ; क्योंकि यह आपका मूल घर है।
दूसरा :
यदि आपके शहर और उस शहर के बीच की दूरी जिसमें विश्वविद्यालय स्थित है, क़स्र की दूरी है, जो लगभग 80 किलोमीटर है, तो आप लोग अपनी यात्रा के दौरान अपनी नमाज़ क़स्र कर सकते हैं।
तीसरा :
जब आप उस शहर में पहुँच जाएँ जहाँ विश्वविद्यालय स्थित है, तो यदि आप वहाँ चार दिनों से अधिक समय तक रहने का इरादा रखते हैं, तो आपको उस क्षण से पूरी नमाज़ अदा करनी चाहिए जब आप उसमें प्रवेश करते हैं।
यदि आप वहाँ चार दिन या उससे कम रहने का इरादा रखते हैं, या आप वहाँ रहने की अवधि के बारे में असमंजस में हैं, तो उस स्थिति में आप एक मुसाफिर के हुक्म में आते हैं। इसलिए आप चार रकअत वाली नमाज़ – ज़ुहर, अस्र और इशा – क़स्र करके दो रकअत पढ़ेंगे। परंतु यदि आप किसी निवासी (इमाम) के पीछे नमाज़ पढ़ रहे हैं, तो इस स्थिति में आप उसके साथ पूरी नमाज़ अदा करेंगे। तथा आपके लिए मस्जिद की जमाअत के साथ नमाज़ में उपस्थित होना आवश्यक है।
तथा प्रश्न संख्या : (38079 ) का उत्तर देखें।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर
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