अगर इमाम ने तिलावत (क़ुरआन के पाठ) का सजदा किया और उसके पीछे नमाज़ पढ़ने वाले ने समझा कि इमाम ने रुकू' किया है, सो वह रुकू' में चला गया, तो इसका क्या हुक्म हैॽ
इमाम ने तिलावत का सजदा किया और उसके पीछे नमाज़ पढ़ने वाले को पता नहीं चला, तो वह रुकू’ में चला गया
प्रश्न: 85206
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
“अगर इमाम ने तिलावत का सजदा किया और उसके पीछे नमाज़ पढ़ने वाले ने सोचा कि वह रुकू' में गया है, फिर इस तथ्य के आधार पर कि इमाम ने रुकू' किया है, वह रुकू' में चला गया, तो वह दो स्थितियों से खाली नहीं है :
पहली स्थिति : वह अपने रुकू' की हालत में जानता है कि इमाम सजदे में गया है। तो इस स्थिति में उसपर अनिवार्य है कि अपने इमाम का अनुसरण करते हुए सजदे में चला जाए।
दूसरी स्थिति : उसे इमाम के सजदा करने का पता, इमाम के सजदे से उठने के बाद चले। ऐसी स्थिति में हम रुकू' करने वाले मुक़तदी से कहेंगे : अब खड़े हो जाओ और इमाम का अनुसरण करो, और अपने इमाम के साथ रुकू' करो और नमाज़ को जारी रखो। और ऐसी स्थिति में तिलावत का सजदा आपसे माफ़ हो जाएगा। क्योंकि तिलावत का सजदा नमाज़ का स्तंभ (रुक्न) नहीं है कि आपको इसे अपने इमाम के बाद करने की ज़रूरत है, बल्कि यह आपपर केवल अपने इमाम का पालन करते हुए अनिवार्य है। और यहाँ पालन करने का समय निकल गया। अतः यह एक सुन्नत है जिसका स्थान छूट गया। इसलिए आप अपनी नमाज़ जारी रखें।” उद्धरण समाप्त हुआ।
स्रोत:
“मजमूओ फ़तावा अश-शैख इब्ने उसैमीन” (14/24)