क्या वुज़ू में नाक साफ़ करते समय पानी गले से नीचे उतरना रोज़ा तोड़ देता हैॽ
अगर रोज़े की हालत में नाक में पानी चढ़ाने के कारण पानी गले में पहुँच जाए
प्रश्न: 98283
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
पहला :
रोज़ा रखने वाले व्यक्ति को अपनी नाक में पानी चढ़ाने में अति करने से मना किया गया है। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लक़ीत बिन सबिरह रज़ियल्लाहु अन्हु से कहा : “पूर्ण रूप से वुज़ू करो, तथा उंगलियों के बीच ख़िलाल करो और नाक में पानी चढ़ाने में अतिश्योक्ति करो, सिवाय असके कि तुम रोज़ा रखने वाले हो।” इसे अबू दाऊद (हदीस संख्या : 142) और तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 788) ने रिवायत किया है, तथा अलबानी ने सहीह तिर्मिज़ी में सहीह कहा है।
यह हदीस इस बात की ओर इशारा करती है कि रोज़े की हालत में नाक में पानी चढ़ाने में अतिशयोक्ति से बचना चाहिए, ताकि रोज़ेदार की इच्छा के बिना पानी उसके पेट में न चला जाए।
दूसरा :
यदि रोज़ेदार अपने मुँह में पानी डालकर कुल्ली करे या नाक में पानी चढ़ाए, और कुछ पानी उसकी इच्छा के बिना उसके गले में चला जाए, तो इससे उसका रोज़ा नहीं टूटेगा, क्योंकि अल्लाह तआला का फरमान है :
وَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ فِيمَا أَخْطَأْتُمْ بِهِ وَلَكِنْ مَا تَعَمَّدَتْ قُلُوبُكُمْ
الأحزاب:5
"और तुमपर उसमें कोई दोष नहीं है, जो ग़लती से हो जाए, लेकिन (उसमें दोष है) जो तुम दिल के इरादे से करो।” (सूरतुल अह़ज़ाब : 5)
और इस व्यक्ति के दिल ने जानबूझ कर ऐसा करने का इरादा नहीं किया था जो रोज़े को अमान्य कर देता है। इसलिए उसका रोज़ा सही (मान्य) है।
तथा देखें : “अश-शर्ह अल-मुम्ते'” (6/240, 246).
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर