क्या रोज़े के फ़िदया में गरीब लोगों को सूप (शोरबा) देना पर्याप्त हैॽ
रोज़ों की क़ज़ा को विलंब करने का कफ़्फ़ारा रिश्तेदारों को भुगतान करने का हुक्म
वह पहले अपने ऊपर अनिवार्य रोज़े की क़ज़ा करेगा, फिर मृतक की ओर से रोज़ा रखेगा
क्या कफ़्फ़ारा में बच्चों को खाना खिलाना पर्याप्त हैॽ
उसने अपने ऊपर अनिवार्य रोज़ों की अभी तक क़ज़ा नहीं की
रमज़ान में दिन के दौरान संभोग करने वाले का कफ़्फ़ारा और खाना खिलाने की मात्रा
उस आदमी का हुक्म जो रमज़ान की क़ज़ा भूल गया और दूसरा रमज़ान आ गया
वह बीमार है और उसे निरंतर दवा की ज़रूरत है
कफ़्फ़ारा निकालने का तरीक़ा
रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग करने वाले का कफ्फारा (प्रायश्चित)
पूरा फ़िदया एक ही ग़रीब व्यक्ति को देने में कोई आपत्ति नहीं है
रोज़े की आयत में वर्णित फ़िद्या (छुड़ौती) की मात्रा
वह मिसकीन (ग़रीब व्यक्ति) कौन है जिसे रोज़ा का फ़िदया दिया जाएगाॽ तथा कितना और क्या दिया जाएगाॽ
बिना किसी कारण के रमज़ान में जानबूझ कर रोज़ा तोड़ देना
हुक्म न जानने के कारण रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लेने वाले का हुक्म
सख्त गर्मी में काम करने की वजह से रोज़ा तोड़ देने वाले का हुक्म
उसने रोज़ा तोड़ दिया और शर्म के कारण (क़ज़ा का) रोज़ा नहीं रखा
ऐसे व्यक्ति को क्या करना चाहिए जिसने रोज़ा छोड़ दिया
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