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1,25812/शावन/1442 , 25/मार्च/2021

कफ़्फ़ारा निकालने का तरीक़ा

السؤال: 12591

रमज़ान में रोज़ा न रखने वाले व्यक्ति का फ़िद्या (प्रायश्चित) हर दिन दिया जाएगा या रमज़ान के बाद एक ही बार निकाला

الجواب

الحمد لله والصلاة والسلام على رسول الله وآله وبعد.

जिस व्यक्ति ने रमज़ान का रोज़ा किसी ऐसे उज़्र की वजह से तोड़ दिया, जिसके समाप्त होने की आशा नहीं है, जैसे कि बुढ़ापा, तो उसके लिए प्रत्येक दिन के बदले एक मिसकीन (ग़रीब व्यक्ति) को खाना खिलाना अनिवार्य है। इस खाना खिलाने में उसके पास दो विकल्प हैं। या तो वह हर दिन (एक ग़रीब को) खाना खिलाए, और या तो वह इंतज़ार करे यहाँ तक कि महीना ख़त्म हो जाए। फिर वह महीने के दिनों की संख्या में ग़रीबों को खाना खिलाए।

शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने “अश-शर्ह़ुल मुम्ते” (6/335) में फरमाया :

उसका समय – अर्थात खाना खिलाने का समय – विकल्प के साथ है। यदि वह चाहे तो प्रत्येक दिन के बदले उसी दिन फ़िद्या देता (यानी खाना खिलाता) रहे, या यदि वह चाहे तो उसे आखिरी दिन तक विलंब कर दे। क्योंकि अनस रज़ियल्लाहु अन्हु ऐसा ही किया करते थे।” उद्धरण समाप्त हुआ।

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