तौबा (पश्चाताप)
आशूरा का रोज़ा केवल छोटे गुनाहों को मिटाता है, बड़े गुनाहों के लिए तौबा ही है
यदि मैं उन लोगों में से हूँ जो शराब पीते हैं, फिर मैं ने नीयत किया कि कल और कल के बाद - मुहर्रम के नवें और दसवें दिन - का रोज़ा रखूंगा, तो क्या यह रोज़ा मेरे लिए माना जायेगा, और इसके परिणाम स्वरूप क्या मेरे पिछले साल और आने वाले साल के गुनाह क्षमा कर दिए जायेंगे?क्या हज्ज करने के बाद मुसलमान के पापों की क्षमा सुनिश्चित है या कि वह चिंतित और डरता हुआ रहेगा?
तरह कि आपकी माँ ने आपको गुनाहों से खाली जन्म दिया था। हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है कि मैंने हज्ज का कर्तव्य पूरा कर लिया, और अल्लाह की चाहत से यह सही है, किंतु समय समय पर और नमाज़ के दौरान मैं अपने उन गुनाहों को याद करती हूँ जो मैं ने हज्ज से पहले की थी, जिस पर मुझे सख्त घुटन और भय का एहसास होता है। मैं अल्लाह तआला से क्षमा और बख्शिश का प्रश्न करती हूँ। तो क्या मुझे चाहिए कि मैं हमेशा अपनी अंतरात्मा को कोसती रहूँ, या कि मुझे चाहिए कि मैं आशावादी रहूँ कि अल्लाह मुझे क्षमा कर देगा, और उन गुनाहों को याद करने की कोशिश न करूँ? उत्तर : हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।क्या तौबा के समय सभी गुनाहों को याद करना ज़रूरी है
क्या शिर्क (अनेकेश्वरवाद) से तौबा करने वाले के लिए उस से होने वाले शिर्क के सभी कामों को याद करना अनिवार्य है ताकि वह उनसे तौबा करे, या कि यह शैतान का वसवसा है ताकि वह तौबा और इस्लाम में प्रवेश करने से घृणित कर दे ॽ या कि केवल शहादतैन (अर्थात ला-इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह) कहना आप के लिए उसमें प्रवेश करने के लिए काफी है ॽधर्म को गाली देने वाले आदमी का हुक्म और अगर वह तौबा कर ले तो क्या उसे क़त्ल किया जायेगा ॽ
एक आदमी है जो दीन की बातों को नहीं जानता है और दीन को गाली देता है तो उसका क्या हुक्म है ॽ और यदि उसे अपनी गलती का पता चल जाए तो उसे क्या करना चाहिए ॽझूठी क़सम का प्रायश्चित केवल सच्ची तौबा ही कर सकती है
मैंने सुना है कि झूठी क़सम (यमीन अल-ग़मूस) उसके खाने वाले को नरक में डुबो देती है, और यह कि उसके लिए कोई प्रायश्चित नहीं है। क्या इसका मतलब यह है कि इस पाप के लिए कोई तौबा (पश्चाताप) नहीं हैॽ क्या अगर तौबा सही और सच्ची है, तो अल्लाह सभी पापों को क्षमा कर देगाॽव्यभिचार और चोरी करने वाला कैसे तौबा करे ?
यदि मुसलमान पापी था, वह व्यभिचार, चोरी और जुवाबाज़ी करता था तो उसकी सज़ा क्या है ? यदि मान लिया जाये कि वह बाद में यह चाहे कि उसे उसके किए हुए हर पाप पर सज़ा दी जाये तो उसे क्या करना चाहिए ? क्या यह संभव है कि वह जाये और कहे कि मेरा हाथ काट दो, मेरे गुनाहों के कारण मेरा सिर काट दो ? हर प्रकार की स्तुति और प्रशंसा केवल अल्लाह के लिए योग्य है।वह तौबा करता है फिर गुनाह की तरफ पलट आता है
मेरी समस्या हराम (निषिद्ध) चीज़ों को देखना है, मैं तौबा करता हूँ फिर उसी हालत की ओर पलट जाता हूँ। मुझे नहीं मालूम कि कौन सी चीज़ मुझे इस कार्य पर बाध्य कर देती है ?तौबा (पश्चाताप)
मैंने बहुत पाप किया हैं जिन्हें केवल अल्लाह ही जानता है। अब मुझे क्या करना चाहिए कि अल्लाह तआला मेरी तौबा को स्वीकार कर लेॽगुनाहों को मिटाने वाले कारण
मैं एक विवाहिता मुस्लिम महिला हूँ। मेरा जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ। किन्तु मैं इस्लाम के नियमों और अहकाम के बारे में कुछ अधिक नहीं जानती। मैं बहुत से बड़े-बड़े पाप कर चुकी हूँ जिसके कारण मैं ऐसा महसूस करती हूँ कि गोया मैं इस संसार में सबसे दुष्ट मानव हूँ। अब मैं इस महान धर्म से संबंधित ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास कर रही हूँ। किन्तु मैं अपने हृदय में शांति और उसके आदेशों का पालन करने पर सुकून नहीं महसूस करती हूँ। मैं सदा यह प्रश्न करती हूँ: मैं इस बात को कैसे जान सकती हूँ कि अल्लाह रब्बुल आलमीन ने मुझे क्षमा कर दिया या नहीं ? वे कौन से अच्छे काम हैं जो मैं करूँ कि वे मेरे उन बड़े-बड़े गुनाहों को साफ कर दें जन्हें मैं पहले कर चुकी हूँ ? मैं अपने पालनहार के कैसे क़रीब हो सकती हूँ ? हे अल्लाह ! तू मुझे वह चीज़ दिखा दे जिस से यह पता चले कि तू ने मुझ पर दया किया है। मैं अच्छी तरह से सो भी नहीं सकती। मुझे किसी चीज़ से सुकून नहीं मिलती और न मैं किसी चीज़ से लुत्फ उठा पाती हूँ। मैं हमेशा ऐसा अनुभव करती हूँ कि मैं किसी भी समय मर जाऊँगी और अल्लाह तआला मुझसे पूछताछ करेगा। मैं उस पवित्र अस्तित्व को कैसे जवाब दूँगी। क्योंकि मेरे पास कुछ भी कहने के लिए नहीं है। मैं अपने अंदर से हमेशा रोती रहती हूँ। हे अल्लाह! मुझे बता दे कि मैं अपने सभी गुनाहों से कैसे मोक्ष प्राप्त करूँ। मैं आपको इस लिए पत्र लिख रही हूँ क्योंकि मैं आपकी पुस्तक "मैं तौबा करना चाहता हूँ लेकिन" कई बार पढ़ चुकी हूँ। और उसे पढ़ने के बाद मैं कुछ राहत महसूस करती हूँ। जब मैं सूरत ज़ुमर (आयत: 53) में अल्लाह तआला का यह फरमान पढ़ती हूँ कि: "अल्लाह की दया से निराश न हो।" मेरे जीवन में मात्र यही एक आशा है। क्या आप यह समझते हैं कि अल्लाह मुझे क्षमा कर देगा जबकि मैं वह औरत हूँ जिसने हर पाप किया है ? मैं ने तौबा की नमाज़ पढ़ी है और मैं कोशिश कर रही हूँ कि सभी पहलुओं से अपनी जीवन शैली बदल दूँ। ताकि मेरा परमेश्वर (पालनहार) मुझसे राज़ी हो जाये। मैं यह प्रतिज्ञा करती हूँ कि अपनी बाक़ी (शेष) ज़िंदगी में इस्लाम के आदेशों का पालन करूँगी।जुआ से तौबा करना
मैं ने बहुत अधिक जुआ खेला है, तो मैं उससे कैसे तौबा करूँॽएड्स के रोगी की तौबा
एक आदमी एड्स के रोग से ग्रस्त है और डॉक्टरों ने फैसला किया है कि इस जीवन में उसकी आयु बहुत थोड़ी है, तो इस समय उसकी तौबा (पश्चाताप) का क्या हुक्म है ?बार बार पाप करना
उस व्यकित का क्या होगा जो एक ही पाप बार बार करता है ?बर्बादी के बाद इस्लाम की ओर वापस लौटना
मेरे दादा दादी (या नाना नानी) मुसलमान हैं। मेरे माता-पिता अपने आपको मुसलमान समझते हैं, किंतु वे समय समय पर नमाज़ पढ़ते और रोज़ा रखते हैं और इस्लाम की सभी शिक्षाओं का पालन नहीं करते हैं। जहाँ तक मेरा संबंध है, तो मैं ने अपनी दादी (या नानी) के साथ नमाज़ सीखना और इस्लाम की शिक्षाएं प्राप्त करना शुरू किया है, और यह मेरा पहला रमज़ान है जिसका मैं रोज़ा रख रही हूँ। मैं ने अतीत में बहुत से पाप किए हैं तो क्य अल्लाह मेरे कर्तूतों को क्षमा कर देगा ?व्यभिचार से तौबा करना
मुझसे एक ऐसी भयानक गलती हो गई है कि मेरी समझ मे कुछ नहीं आ रहा है की मैं क्या करूँ। मुझे अच्छी तरह मालूम है कि (काहिन की स्वीकृत) के अर्थ का हमारे सुंदर धर्म में कोई वजूद नहीं है, लेकिन मुझसे ज़िना (व्यभिचार) हो गया है, और मैं तौबा (पश्चाताप) करना चाहता हूँ और अल्लाह तआला से माफ़ी और बख्शिश का तलबगार हूँ। जब मैं ने सूरत नूर की तिलावत की तो मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी सदाचारी एवं सच्चरित्र औरत से विवाह नहीं कर सकता, तो ऐसी हालत में मेरे लिए क्या करना आवश्यक है ? मैं अनुरोध करता हूँ कि आप मेरे लिए दुआ करें कि अल्लाह तआला नरक में मेरी सज़ा को हल्की कर दे।