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आस्था
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कुर्आन और उसके विज्ञानप्रदर्शित करें›उत्तर: 8उपश्रेणियाँ: 3
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पारिवारिक शास्त्रप्रदर्शित करें›उत्तर: 12उपश्रेणियाँ: 18
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शिष्टाचार, नैतिकता और हृदय विनम्र करने वाले तत्वप्रदर्शित करें›उत्तर: 4उपश्रेणियाँ: 3
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ज्ञान और धर्म-प्रचारउपश्रेणियाँ: 2
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सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्यायेंप्रदर्शित करें›उत्तर: 6उपश्रेणियाँ: 2
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इतिहास और जीवनीप्रदर्शित करें›उत्तर: 4उपश्रेणियाँ: 3
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शिक्षाउपश्रेणियाँ: 2
शिक्षा
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पवित्रता
बिना वुज़ू वाले व्यक्ति और मासिक धर्म वाली महिला का मुसहफ़ के कवर और तफ़सीर की किताबों को छूना
440सलसुल-बौल (मूत्र असंयम) से पीड़ित व्यक्ति की पवित्रता और नमाज़
जिस किसी को ह़दस (नापाकी) की शिकायत निरंतर रहती हो, जैसे सलसुल-बौल का रोगी, तो अधिकांश विद्वानों ने सलसुल बौल के रोगी को मुस्तह़ाज़ा अर्थात अनियमित गैर-मासिक रक्तस्राव से पीड़ित महिला के समान नियमों के अंतर्गत आने वाला माना है। और वह : – नापाकी (अशुद्धता) को फैलने से रोकने वाले साधनों का प्रयोग करते हुए – प्रत्येक नमाज़ के समय वुज़ू करेगा तथा अपने उस वुज़ू के साथ जितना भी चाहे फ़र्ज़ (अनिवार्य) एवं नफ़्ल नमाज़ें पढ़ेगा। यदि मान लिया जाए कि सलसुल-बौल से पीड़ित व्यक्ति ने वुज़ू किया, फिर उसके बाद पेशाब का कुछ भी क़तरा नहीं निकला और दूसरी नमाज़ का समय शुरू होगया, तो उसके लिए दोबारा वुज़ू करना ज़रूरी नहीं है, बल्कि वह अभी भी अपने पहले वुज़ू पर बाक़ी है। तथा उसके लिए दो नमाज़ों को एकत्र करने की (भी) अनुमति है।1,177तयम्मुम का तरीक़ा
1,542नेल पॉलिश के साथ नमाज़ पढ़ना
1,617गर्भपात की गोलियों के कारण होनेवाले रक्तस्राव का हुक्म
2,321छोटी नापाकी के साथ क़ुर्आन पढ़ने का हुक्म
7,288वह औरत से निकलने वाले तरल पदार्थों का हुक्म नहीं जानती थी और एक ही वुज़ू से कई नमाज़ें पढ़ती थी, तो उसके लिए अनिवार्य है ?
11,599सुअर के मांस की अपवित्रता (नापाकी) का हुक्म
12,902मज़ी और मनी (वीर्य) के बीच अंतर
198,657