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वर्गीकरण
नमाज़ के अहकाम
- सामूहिक नमाज़ में देर से शामिल होने वाले व्यक्ति के नियम
- क्या वह अपनी बच्ची के रोने के कारण जमाअत की नमाज़ तोड़ सकती है?5,524
- क्या व्यवसाय नमाज़ को उसके समय से विलंब करने के वैध कारणों में से है?7,630
- एक नई मुस्लिम महिला को सूरतुल-फातिहा पढ़ने में कठिनाई होती हैसूरतुल-फ़ातिहा पढ़ने में गलती करने वाले की नमाज़ का अमान्य होना सामान्य रूप से हर किसी पर लागू नहीं होता है। क्योंकि सूरतुल-फ़ातिहा पढ़ने में होने वाली हर गलती नमाज़ को अमान्य नहीं करती है, बल्कि नमाज़ तभी अमान्य होती है जब वह सूरतुल-फ़ातिहा में से कुछ छोड़ दे या ए’राब (मात्राओं, यानी स्वर चिह्न : ज़बर, ज़ेर और पेश आदि) में ऐसा बदलाव कर दे जो शब्द के अर्थ को विकृत कर दे। फिर यह नियम, अर्थात् नमाज़ की अमान्यता, केवल उस व्यक्ति पर लागू होता है जो सूरतुल-फ़ातिहा को सही ढंग से पढ़ने में सक्षम है या वह इसे सीखने में सक्षम है, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जहाँ तक उस व्यक्ति की बात है जो ऐसा करने में असमर्थ है, वह इसे अपनी शक्ति के अनुसार पढ़ेगा और इससे उसे कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि अल्लाह किसी आत्मा पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालता।
- इक़ामत और नमाज़ में प्रवेश करने के बीच दुआ करने का हुक्म1,382
- नमाज़ पढ़ते समय छींक आने के बाद अल-हम्दु लिल्लाह कहने का हुक्म4,469
- अगर इमाम पाँचवीं रकअत के लिए खड़ा हो जाए1,295
- भूकंप आने या आग लगने की स्थिति में नमाज़ को बाधित करने का हुक्म और यदि वह अपनी नमाज़ जारी रखता है और मर जाता है, तो उसका हुक्म क्या हैॽजिस व्यक्ति को अपनी जान जाने का डर है, या किसी निर्दोष की जान का खतरा है जिसे वह बचा सकता है : तो उसके लिए अपनी नमाज़ को जारी रखना जायज़ नहीं है, और वह ऐसा करने की वजह से गुनाहगार होगा। फिर यदि वह मर जाता है या घायल हो जाता है, तो वह अपने आपको विनाश में डालने वाला माना जाएगा।3,043
- वह व्यक्ति कैसे वुज़ू करे और नमाज़ पढ़े जो वायरस सुरक्षा सूट पहने हुए हैॽ2,580
- क्या कार्यस्थल पर सज्दा करने की स्थिति में कोरोना वायरस से पीड़ित होने के डर से, वह सज्दा छोड़ दे या नमाज़ों को इकट्ठा करके अपने घर में पढ़ेॽ2,622