
वर्गीकरण
नमाज़ के अहकाम
- 1,295
अगर इमाम पाँचवीं रकअत के लिए खड़ा हो जाए
सामूहिक नमाज़ में देर से शामिल होने वाले व्यक्ति के नियम
- 5,524
क्या वह अपनी बच्ची के रोने के कारण जमाअत की नमाज़ तोड़ सकती है?
- 7,630
क्या व्यवसाय नमाज़ को उसके समय से विलंब करने के वैध कारणों में से है?
एक नई मुस्लिम महिला को सूरतुल-फातिहा पढ़ने में कठिनाई होती है
सूरतुल-फ़ातिहा पढ़ने में गलती करने वाले की नमाज़ का अमान्य होना सामान्य रूप से हर किसी पर लागू नहीं होता है। क्योंकि सूरतुल-फ़ातिहा पढ़ने में होने वाली हर गलती नमाज़ को अमान्य नहीं करती है, बल्कि नमाज़ तभी अमान्य होती है जब वह सूरतुल-फ़ातिहा में से कुछ छोड़ दे या ए’राब (मात्राओं, यानी स्वर चिह्न : ज़बर, ज़ेर और पेश आदि) में ऐसा बदलाव कर दे जो शब्द के अर्थ को विकृत कर दे। फिर यह नियम, अर्थात् नमाज़ की अमान्यता, केवल उस व्यक्ति पर लागू होता है जो सूरतुल-फ़ातिहा को सही ढंग से पढ़ने में सक्षम है या वह इसे सीखने में सक्षम है, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जहाँ तक उस व्यक्ति की बात है जो ऐसा करने में असमर्थ है, वह इसे अपनी शक्ति के अनुसार पढ़ेगा और इससे उसे कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि अल्लाह किसी आत्मा पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालता।- 1,382
इक़ामत और नमाज़ में प्रवेश करने के बीच दुआ करने का हुक्म
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नमाज़ पढ़ते समय छींक आने के बाद अल-हम्दु लिल्लाह कहने का हुक्म
भूकंप आने या आग लगने की स्थिति में नमाज़ को बाधित करने का हुक्म और यदि वह अपनी नमाज़ जारी रखता है और मर जाता है, तो उसका हुक्म क्या हैॽ
जिस व्यक्ति को अपनी जान जाने का डर है, या किसी निर्दोष की जान का खतरा है जिसे वह बचा सकता है : तो उसके लिए अपनी नमाज़ को जारी रखना जायज़ नहीं है, और वह ऐसा करने की वजह से गुनाहगार होगा। फिर यदि वह मर जाता है या घायल हो जाता है, तो वह अपने आपको विनाश में डालने वाला माना जाएगा।3,043- 2,580
वह व्यक्ति कैसे वुज़ू करे और नमाज़ पढ़े जो वायरस सुरक्षा सूट पहने हुए हैॽ
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क्या कार्यस्थल पर सज्दा करने की स्थिति में कोरोना वायरस से पीड़ित होने के डर से, वह सज्दा छोड़ दे या नमाज़ों को इकट्ठा करके अपने घर में पढ़ेॽ