वर्गीकरण
शादियाँउपश्रेणियाँ: 9
गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की दावतप्रदर्शित करें›उत्तर: 2उपश्रेणियाँ: 4
शुद्ध आस्थाप्रदर्शित करें›उत्तर: 1उपश्रेणियाँ: 6
उपासना-शास्त्रउपश्रेणियाँ: 5
समकालीन मामलेप्रदर्शित करें›उत्तर: 3उपश्रेणियाँ: 10
परामर्शउपश्रेणियाँ: 5
अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञानप्रदर्शित करें›उत्तर: 2उपश्रेणियाँ: 6
महिला की पवित्रता
सलसुल-बौल (मूत्र असंयम) से पीड़ित व्यक्ति की पवित्रता और नमाज़
जिस किसी को ह़दस (नापाकी) की शिकायत निरंतर रहती हो, जैसे सलसुल-बौल का रोगी, तो अधिकांश विद्वानों ने सलसुल बौल के रोगी को मुस्तह़ाज़ा अर्थात अनियमित गैर-मासिक रक्तस्राव से पीड़ित महिला के समान नियमों के अंतर्गत आने वाला माना है। और वह : – नापाकी (अशुद्धता) को फैलने से रोकने वाले साधनों का प्रयोग करते हुए – प्रत्येक नमाज़ के समय वुज़ू करेगा तथा अपने उस वुज़ू के साथ जितना भी चाहे फ़र्ज़ (अनिवार्य) एवं नफ़्ल नमाज़ें पढ़ेगा। यदि मान लिया जाए कि सलसुल-बौल से पीड़ित व्यक्ति ने वुज़ू किया, फिर उसके बाद पेशाब का कुछ भी क़तरा नहीं निकला और दूसरी नमाज़ का समय शुरू होगया, तो उसके लिए दोबारा वुज़ू करना ज़रूरी नहीं है, बल्कि वह अभी भी अपने पहले वुज़ू पर बाक़ी है। तथा उसके लिए दो नमाज़ों को एकत्र करने की (भी) अनुमति है।1,177मासिक धर्म वाली महिला कब रोज़ा रखेगीॽ
2,518महिला से लगातार निकलने वाला स्राव रोज़े को प्रभावित नहीं करता है
3,357मासिक धर्म समाप्त होने के बाद और स्नान करने से पहले पत्नी के साथ संभोग करने से पश्चाताप करने का तरीक़ा
17,672यदि निफास वाली महिला चालीस दिनों से पहले पवित्र हो जाती है, तो उसे ग़ुस्ल करना चाहिए और नमाज़ पढ़ना चाहिए और रोज़ा रखना चाहिए
8,371रमज़ान के अंतिम दस दिनों में मासिक धर्म रोकने की गोलियाँ लेना
9,450ज्ञान की सभा या क़ुर्आन कंठस्थ करने की कक्षा में उपस्थित होने के लिए मासिक धर्म वाली महिला का मस्दिज के अंदर प्रवेश करना
16,665यदि 11 सप्ताह के बाद भ्रूण की मौत के बारे में पता चला तो क्या उसके बाहर निकलने पर उसका जनाज़ा पढ़ा जायेगा और उसका नाम रखा जायेगा ॽ
6,909जनाबत (अपवित्रता) से स्नान का तरीक़ा
13,623वुज़ू का तरीक़ा
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