तलाक़शुदा महिला के पति की सहमति से वैवाहिक घर के अलावा में इद्दत बिताने का हुक्म, और क्या अगर वह तलाक़ से पहले घर से निकल गई थी तो उसे इद्दत के लिए वापस आना होगाॽ
उनका इमाम हकला है, जबकि कुछ मुक़तदी इस बात को गुप्त रखते हैं कि वह सबसे अधिक क़रआन का ज्ञान रखते हैं।
मोज़ों पर मसह करने के बाद यदि उन्हें उतार दे तो क्या इससे उसकी तहारत (पवित्रता) नष्ट हो जायेगी ?
क्या ‘न्याय’ का गुण अल्लाह के ज़ाती (व्यक्तिगत) गुणों में से है या उसका संबंध उसके कार्यों से हैॽ
नियोक्ता (कार्यदाता) ने एक कर्मचारी के साथ अन्याय किया और उसे उसके वित्तीय अधिकार नहीं दिए, तो क्या लेखाकार के लिए नियोक्ता की अज्ञानता में ज़ुल्म को समाप्त करने के लिए उस कर्मचारी के हक़ को लौटाना जायज़ है?
बड़ी अशुद्धता से ग़ुस्ल करने का तरीक़ा
महँगाई के कारण ब्याज देना सूद है
उसने पवित्रता की हालत में मोज़ा उतार दिया फिर दूसरा मोज़ा पहन लिया और वुज़ूकर उस पर मसह किया फिर नमाज़ पढ़ी तो क्या उसकी नमाज़ सहीह है?
क्या अभी ज़रुरतमंद को दान देना, फिर समय पर ज़कात निकालना बेहतर है, या समय से पहले ज़कात देनाॽ
क्या महिला के लिए उस लड़की के पति के साथ यात्रा करना जायज़ है जिसे उसने गोद ली है?
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