रमजान में दिन के दौरान संभोग करने वाले का क्या कफ़्फ़ारा है और खाना खिलाने की मात्रा क्या है?
रमज़ान में दिन के दौरान संभोग करने वाले का कफ़्फ़ारा और खाना खिलाने की मात्रा
प्रश्न: 106535
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
“यदि किसी व्यक्ति ने रमज़ान में दिन के दौरान अपनी पत्नी के साथ संभोग कर लिया, तो उन दोनों में से प्रत्येक पर कफ़्फ़ारा अनिवार्य है। वह कफ़्फ़ारा एक मुस्लिम ग़ुलाम को मुक्त करना है। यदि वे दोनों ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो उनके लिए लगातार दो महीने रोज़ा रखना अनिवार्य है यदि वह उससे सहमत थी। यदि वे ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो उन दोनों के लिए साठ ग़रीब व्यक्तियों को खाना खिलाना अनिवार्य है। उनमें से प्रत्येक को शहर के सामान्य भोजन (ग़िज़ा) से तीस ‘साअ’ देना होगा। प्रत्येक ग़रीब व्यक्ति के लिए एक साअ; आधा साअ पुरुष की ओर से तथा आधा साअ महिला की ओर से। यह ग़ुलाम आज़ाद करने और रोज़ा रखने में असमर्थ होने की स्थिति में हैं। तथा उन दोनों के लिए उस दिन के रोज़े की क़ज़ा करना भी अनिवार्य है, जिस दिन संभोग हुआ था। इसके साथ-साथ अल्लाह से तौबा करना, उसकी ओर पलटना, उसपर पछतावा करना, उससे बाज़ रहना और क्षमा याचना करना चाहिए। क्योंकि रमज़ान में दिन के दौरान संभोग करना एक बड़ी बुराई है, किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसा करना जायज़ नहीं जिसके लिए रोज़ा अनिवार्य है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“मजमूओ फतावा अश-शैख इब्ने बाज़” (15/302).
इसके आधार पर : ग़रीब व्यक्ति को दिए जाने वाले भोजन की मात्रा चावल आदि से आधा साअ है, अर्थात् लगभग डेढ़ किलोग्राम।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर