क्या सख्त बीमारी के कारण रोज़ा तोड़ देने वाली लड़की गुनाहगार होगी?
प्रश्न: 130864
एक मुस्लिम लड़की है, जो – अल्हम्दुलिल्लाह – रोज़ा रखती है और नमाज़ पढ़ती है। रमज़ान में वह एक दिन सख्त बीमारी से ग्रस्त हो गई यहाँ तक कि उसे लगा कि वह मरने वाली है। इसलिए सख्त बीमारी के कारण उसने रोज़ा तोड़ दिया। अब वह पूछ रही है कि : क्या उसके अपना रोज़ा तोड़ने में उस पर कोई पाप है?
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
“उस पर कोई पाप नहीं है, बल्कि उसे इस पर पुण्य मिलेगा, क्योंकि अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए और उसके लिए रोज़ा रखना बहुत मुश्किल हो जाए, तो उसके लिए रोज़ा तोड़ना धर्मसंगत है और उसे (अल्लाह की) रुख़्सत (रियायत) को स्वीकार करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। अल्लाह महिमावान फरमाता है :
وَمَنْ كَانَ مَرِيضًا أَوْ عَلَى سَفَرٍ فَعِدَّةٌ مِنْ أَيَّامٍ أُخَرَ
[البقرة: 185] .
“और जो बीमार हो या यात्रा पर हो तो वह दूसरे दिनों में उसकी गिन्ती पूरी करे।” (सूरतुल बक़रा : 185)
और पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फरमाते हैं : “अल्लाह तआला इस बात को पसंद करता है कि उसकी रुख़्सतों (रियायतों) को अपनाया जाए जिस तरह कि वह इस बात को नापसंद करता है कि उसकी अवज्ञा की जाए।”
अतः यदि मनुष्य अल्लाह की आज्ञा का पालन करते हुए और अल्लाह सर्वशक्तिमान के निर्धारित किए हुए क़ानून के अनुसार कार्य करते हुए रुख़्सत को अपनाता है, तो उसे पुरस्कृत किया जाएगा और उस पर कोई पाप नहीं होगा। इसलिए, ऐ प्रश्न करने वाली बहन! आपके अपनी बीमारी की वजह से रोज़ा तोड़ देने में आप पर कोई आपत्ति की बात नहीं है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
स्रोत:
आदरणीय शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन बाज़ रहिमहुल्लाह “फतावा नूरुन अलद-दर्ब” (3/1229).