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इफ्तार के समय दुआ का वक़्त

Soru: 14103

रोज़ेदार के लिए उसके इफ्तार के समय एक स्वीकृत दुआ है, तो वह कब होगी : इफ्तार से पहले या उसके दरमियान या उसके बाद ॽ क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से इस विषय में कुछ दुआएं वर्णित हैं, या आप इस तरह के समय में किसी दुआ का सुझाव देते हैं ॽ

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Allah'a hamdolsun ve peygamberine ve ailesine salat ve selam olsun.

इस प्रश्न को शैख मुहम्मद बिन उसैमीन रहिमहुल्लाह पर पेश किया गया तो उन्हों ने कहा :

दुआ, इफ्तार से पहले सूर्यास्त के समय होगी ; क्योंकि उस समय विनीतता और विनम्रता एकत्रित होती और वह रोज़ेदार होता है, और ये सब (तत्व) दुआ के क़बूल होने के कारणों में से हैं, जहाँ तक इफ्तार के बाद दुआ का संबंध है तो उस समय दिल को आराम मिल जाता है और वह खुश हो जाता है और संभवतः वह गफलत का शिकार हो जाता है। किंतु नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से एक दुआ वर्णित है जो यदि सही (प्रमाणित) है तो वह इफतार के बाद ही होगी, और वह यह है :

ذَهَبَ الظَّمَأُ وَابتَلَّتِ العُروقُ ، وَثَبَتَ الْأجْرُ إِنْ شَاءَ اللهُ

“ज़हा-बज़्ज़मा-ओ वब्ब-तल्लतिल उरूक़ो व सबा-तल अज्रो इन-शा-अल्लाह”

प्यास चली गई, रगें तर हो गईं, और अज्र व सवाब पक्का हो गया, यदि अल्लाह तआला ने चाहा।

(इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है और अल्बानी ने सहीह सुनन अबू दाऊद (2066) मे हसन कहा है।)

तो यह दुआ इफतार के बाद ही होगी, इसी तरह कुछ सहाबा से यह दुआ वर्णित है :

اللهم لك صمت وعلى رزقك أفطرت

“अल्लाहुम्मा लका सुम्तो व अला रिज़किक़ा अफ्तरतो”

ऐ अल्लाह ! मैं ने तेरे ही लिए रोज़ा रखा, और तेरी ही प्रदान की हुई रोज़ी पर रोज़ा खोला।

इसलिए आप जो उचित समझते हैं वह दुआ करें।

Kaynak

शैख मुहम्मद बिन सालेह अल उसैमीन रहिमहुल्लाह की अल्लिक़ाउश शहरी (मासिक बैठक) संख्या : 8

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