रमज़ान के दिन में भूलकर खाने या पीने वाले व्यक्ति का क्या हुक्म है?
रमज़ान में भूलकर खा लेने में कोई बात नहीं
प्रश्न: 22833
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
उस पर कोई हरज (आपत्ति) की बात नहीं है और उसका रोज़ा शुद्ध (सही) है। क्योंकि अल्लाह तआला ने सूरतुल बक़रा के अन्त में फरमाया है :
رَبَّنَا لا تُؤَاخِذْنَا إِنْ نَسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا (البقرة : 286)
"ऐ हमारे पालनहार, यदि हम भूल गए हों या गलती की हो तो हमारी पकड़ न करना।" (सूरतुल बक़रा : 286)
और अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित है कि अल्लाह सुब्हानहू व तआला ने इस पर फरमाया : "मैं ने स्वीकार किया।"
तथा अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से प्रमाणित है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : "जिस व्यक्ति ने रोज़े की हालत में भूलकर खा लिया या पी लिया तो वह अपना रोज़ा पूरा करे; क्योंकि उसे अल्लाह ने खिलाया और पिलाया है।" (सहीह बुखारी व सहीह मुस्लिम)
इसी तरह यदि आदमी भूलकर संभोग कर ले तो विद्वानों के दो कथनों में सबसे सही कथन के अनुसार उसका रोज़ा सही है। इस का प्रमाण पिछली आयत और यह हदीस शरीफ है, तथा आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का यह फरमान भी है : "जिस व्यक्ति ने रमज़ान के महीने में भूलकर इफ्तार कर लिया (रोज़ा तोड़ दिया) तो उस पर न तो क़ज़ा अनिवार्य है और न कफ्फारा।" इस हदीस को हाकिम ने उल्लेख किया है और उसे सहीह कहा है।
उक्त हदीस का शब्द संभोग और उसके अलावा अन्य रोज़ा तोड़ने वाली सभी चीज़ों को सम्मिलित है, यदि रोज़ेदार ने उसे भूलकर किया है। और यह अल्लाह की दया और उसकी अनुकम्पा और उपकार है। अत: इस पर उसी के लिए गुणगान और आभार है।
स्रोत:
मजमूओ फतावा शैख इब्ने बाज़, भाग 2, पृष्ठ 193