उस एनिमा का क्या हुक्म है जो किसी बीमार व्यक्ति को रोज़े की अवस्था में दिया जाता हैॽ
क्या एनिमा लेने से रोज़ात टूट जाता हैॽ
प्रश्न: 22959
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
क़ब्ज़ का प्रतिकार करने के लिए बीमार लोगों को दिए जाने वाले एनिमा के बारे में विद्वानों ने मतभेद किया है। कुछ विद्वानों का कहना है कि यह रोज़ा तोड़ देता है। इस आधार पर कि पेट के अंदर पहुँचने वाली हर चीज़ रोज़े को तोड़ देती है। जबकि उनमें से कुछ ने कहा है कि यह रोज़ा नहीं तोड़ता है। इसके कहने वालों में शैखुल-इस्लाम इब्ने तैमिय्यह रहिमहुल्लाह भी हैं। उनका कहना है कि : यह खाना या पीना नहीं है और न ही यह खाने या पीने के अर्थ में है।
मेरी राय यह है कि : इसके बारे में डॉक्टरों की राय देखनी चाहिए; यदि वे कहते हैं कि यह खाने या पाने की तरह है तो इसे उसी के साथ संबंधित किया जाएगा और इस प्रकार वह रोज़ा तोड़ने वाला होगा। यदि वे कहते हैं कि यह शरीर को वह ऊर्जा नहीं देता है जो खाना और पीना देता है, तो वह रोज़ा तोड़ने वाला नहीं होगा।
स्रोत:
फतावा अश-शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन (1/516)