उस आदमी का क्या हुक्म है जिसने हुक्म से अनभिज्ञ होने के कारण रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लिया ?
हुक्म न जानने के कारण रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लेने वाले का हुक्म
प्रश्न: 22960
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान अल्लाह के लिएयोग्य है।
इस बात में कोई संदेह नहीं कि अल्लाह तआला नेरमज़ान के दिन में अपने बन्दों पर खाना, पीना, संभोग करना और प्रत्येक रोज़ा तोड़नेवाली चीज़ को हराम (वर्जित) कर दिया है। तथा रमज़ान के दिन में संभोग करने वाले आदमीपर यदि वह स्वस्थ और मुक़ीम मुकल्लफ (बालिग और बुद्धि वाला) है, बीमार और यात्रा परनहीं है तो (उसके ऊपर) कफ्फारा अनिवार्य किया है। और वह कफ्फारा एक गुलाम मुक्त करनाहै, यदि गुलाम न मिले तो लगातार दो महीने रोज़ा रखना, यदि इस पर सक्षम नहीं है तो साठमिस्कीनों को खाना खिलाना। प्रत्येक मिस्कीन को खिलाने की मात्रा शहर की खूराक से आधासाअ़ है। किन्तु जिस आदमी ने रमज़ान के दिन में हुक्म से अनभिज्ञ होने के कारण संभोगकर लिया और वह ऐसे लोगों में से है जिस पर बालिग, स्वस्थ और मुक़ीम (निवासी) होने केकारण रोज़ा अनिवार्य है, तो विद्वानों ने उसके मामले में मतभेद किया है। कुछ लोगोंका कहना है कि उस पर कफ्फारा अनिवार्य है क्योंकि वह प्रश्न न करने और दीन के बारेमें समझबूझ और जानकारी प्राप्त करने में लापरवाही और कोताही करने वाला है। जबकि अन्यविद्वानों का कहना है कि : उस पर कफ्फारा अनिवार्य नहीं है ; क्योंकि वह जाहिल और अनजाना(अनभिज्ञ) है। इस से आप को ज्ञात हो जाता है कि आप के लिए एहतियात (सावधानी) इसी मेंहै कि आप पर कफ्फारा है ; क्योंकि आप ने कोताही की है और आप पर जो चीज़ हराम है उसकेबारे में उसको करने से पहले प्रश्न नहीं किया। यदि आप गुलाम आज़ाद करने और रोज़ा रखनेकी ताक़त नहीं रखते हैं, तो जितने दिन आप ने संभोग किया है हर दिन के बदले साठ मिस्कीनोंको खाना खिलाना काफी है। यदि आप ने दो दिन संभोग किया है तो आप पर दो कफ्फारा अनिवार्यहै, और यदि आप ने तीन दिन संभोग किया है तो आप पर तीन कफ्फारा अनिवार्य है। इस तरहहर दिन के संभोग के बदले एक कफ्फारा है। जहाँ तक एक ही दिन में कई एक बार संभोग काप्रश्न है तो उनकी तरफ से एक ही कफ्फारा काफी है। इसी में आप के लिए अधिक सावधानी हैऔर अपने ज़िम्मा को बरी करने, विद्वानों के मतभेद से निकलने और अपने रोज़े की छतिपूर्तिकरने के लिए यही आप के लिए सब से अच्छा है। यदि आप को उन दिनों की संख्या याद नहींजिन में आप ने संभोग किया है तो आप सावधानी (एहतियात) पर अमल करें ; और वह अधिक संख्याको अपनाना है। यदि आप को संदेह है कि ये तीन दिन हैं या चार दिन ? तो आप इन्हें चारदिन मानें, और इसी प्रकार आप करें, किन्तु आप के लिए वही चीज़ करना ज़रूरी है जिसेआप सुदृढ़ रूप से जानते हैं। अल्लाह तआला हमें और आप को उस चीज़ की तौफीक़ (शक्ति) देजिसमें उसकी प्रसन्नता और ज़िम्मेदारी से मुक्ति है।
स्रोत:
फतावा शैख इब्ने बाज़ 15/ 304