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यदि उसकी नमाज़ खराब हो जाए या वह उसे काट दे तो क्या वह सलाम फेरेगा ?

प्रश्न: 33742

अगर नमाज़ फासिद हो जाए या नमाज़ी नफ्ल नमाज़ को काट दे ताकि वह इमाम के साथ नमाज़ में शामिल हो सके, तो क्या वह नमाज़ से सलाम फेरेगा या क्या करेगा ?

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह
के लिए योग्य है।

यदि नामज़ी को उसकी नमाज़ के अंदर कोई ऐसी चीज़
पेश आ जाए जो उससे नमाज़ से निकलने की अपेक्षा करती हो, जैसे कि एक व्यक्ति ने नफ्ल
नमाज़ पढ़ना शुरू किया कि इतने में जमाअत खड़ी हो गई। तो ऐसी स्थिति में वह नमाज़ को काटने
की नीयत पर बस करेगा, वह सलाम नहीं फेरेगा। क्योंकि सलाम फेरने का स्थान नमाज़ के अंत
में है। इसलिए कि अली बिन अबी तालिब रज़ियल्लाहु अन्हु का कथन है कि नबी सल्लल्लाहु
अलैहि व सल्लम ने फरमाया : ‘‘नमाज़ की कुंजी पवित्रता (वुज़ू) है, तक्बीर (अल्लाहु अक्बर)
कहने से नमाज़ के अलावा चीज़ें हराम हो जाती हैं और सलाम फेरने (अस्सलामु अलैकुम
कहने) से नमाज़ के अलावा चीज़े हलाल हो जाती हैं।’’
इसे नसाई के अलावा असहाबे सुनन ने सहीह सनद के साथ रिवायत किया है।

जहाँ तक उस आदमी का संबंध है जिसकी नमाज़ खराब
हो गई है तो वह अपनी नमाज़ से बिना सलाम फेरे और बिना नीयत के निकल जायेगा क्योंकि उसकी
नमाज़ खराब हो गई है।

स्रोत

फतावा शैख अब्दुल अज़ीज़ आलुश्शैख से। मजल्लतुल बुहूसिल इस्लामिय्या 61/82

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