अरफा की पहाड़ी को रहमत की पहाड़ी कहा जाता है, तो यह नाम रखने का क्या हुक्म है और क्या उसका कोई आधार है ?
अरफा की पहाड़ी का नाम “जबल रहमत” (रहमत की पहाड़ी) रखने का हुक्म
प्रश्न: 34154
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्यहै।
शैख मुहम्मद बिन उसैमीन रहिमहुल्लाह ने इस प्रश्न का उत्तरदेते हुए फरमाया :
“इस नाम का मैं सुन्नत (हदीस) से कोई प्रमाण नहीं जानता हूँ,अर्थातवह पहाड़ी जो अरफा में है, जिसके पास नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ठहरे थे उसकानाम “जबल रहमत” है (इस बात का मैं सुन्नत से कोई आधार नहीं जानता हूँ),और जबसुन्नत से उसका कोई आधार नहीं है तो उसे इस नाम से पुकारना उचित नहीं है,और जिनलोगों ने उसे यह नाम दिया है शायद उन्हों ने इस बात को ध्यान में रखा है कि यह एकमहान स्थान है, जिसमें अरफा में ठहरने वालों के लिए अल्लाह की क्षमा और दया(रहमत) स्पष्ट और प्रत्यक्ष होता होती है, तो उन्हों ने उसका नाम जबल रहमत रख दिया। जबकि बेहतर यह हैकि उसे इस नाम से न पुकारा जाए, बल्कि उसे “जबल अरफा” कहा जाए,या वह पहाड़ी जिसके पास नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ठहरेथे, याइसके समान अन्य कोई नाम।”
“दलीलुल अख्ता अल्लती यक़ओ फीहा अल-हाज्जो वल मोतमिरो” (हज्ज व उम्रा करने वालों से होनेवाली गलतियों कीमार्गदर्शिका) से अंत हुआ।
स्रोत:
और अल्लाह तआला ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।