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उसने रोज़ा तोड़ दिया और शर्म के कारण (क़ज़ा का) रोज़ा नहीं रखा

प्रश्न: 7426

जब मैं छोटी थी, मेरी आयु तेरह साल थी। मैंने रमज़ान का रोज़ा रखा और मासिक धर्म के कारण चार दिनों का रोज़ा नहीं रखा। मैंने उसके बारे में किसी को नहीं बताया क्योंकि मुझे बहुत शर्म आ रही थी। अब आठ साल हो गए हैं। मुझे क्या करना चाहिए

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

आपने इस अवधि के दौरान रोज़ों की क़जा को छोड़कर गलती की है। यह (अर्थात् मासिक धर्म) एक ऐसी चीज़ है जिसे अल्लाह तआला ने आदम की बेटियों पर नियत कर दिया है और धर्म के मामलों में कोई शर्म नहीं है। अतः आपके लिए अनिवार्य है कि उन चार दिनों की क़ज़ा करने में जल्दी करें। फिर आपके लिए क़ज़ा करने के साथ-साथ कफ़्फ़ारा भी अनिवार्य है और वह हर दिन के बदले एक ग़रीब व्यक्ति को खाना खिलाना है, जिसकी मात्रा शहर के सामान्य भोजन (ग़िज़ा) से दो साअ है। जो चाहे आप एक ही ग़रीब व्यक्ति को दें या कई ग़रीब व्यक्तियों को।

स्रोत

फतावा अश-शैख इब्ने बाज़

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