मैं ने कुछ धर्म प्रचारकों को यह कहते हुए सुना है कि : पैसे के लिए मजबूर मुसलमानों पर दान करना जैसे कि वे लोग जो अकाल से पीड़ित हैं, रमज़ान के महीने में उम्रा करने से बेहतर है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
''जी हाँ, ज़रूरत के समय और अकाल की गंभीरता में दान करना नफ्ली उम्रा करने से बेहतर है, क्योंकि उम्रा का लाभ उसके करने वाले तक ही सीमित है, जबकि ज़रूरतमंदो और भूखे लोगों पर दान करने का लाभ असीमित है, और जिस चीज़ का लाभ असीमित हो वह उस चीज़ से बेहतर है जिसका लाभ सीमित हो। यही बात सभी जगह के मुसलमान गरीबों के बारे में सर्वसामान्य है। लेकिन जो गरीब जन अपने देश में हैं वे उन लोगों से अधिक योग्य हैं जो बाहर के हैं। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।’’