प्रश्न : एक प्राइवेट स्कूल के क़ुरआन प्रतियोगिता में सहयोग करने के लिए ज़कात की राशि खर्च करने का क्या हुक्म है? क्योंकि स्कूल इन गतिविधियों की मदद नहीं करता है तथा स्कूल के नमाज़ स्थल की मरम्मत के लिए ज़कात की राशि खर्च करने का क्या हुक्म है?
क्या क़ुरआन करीम की प्रतियोगिता के समर्थन में ज़कात की राशि लगाई जा सकती है?
प्रश्न: 125481
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
उत्तर :
हर प्रकार की प्रशंसाऔर गुणगान केवलअल्लाह के लिएयोग्य है।
ज़कात को खर्च करनेके स्थानों (यानीज़कात के हक़दारलोगों) को अल्लाहतआला ने अपने इसकथन के द्वारास्पष्ट कर दियाहै :
إِنَّمَا الصَّدَقَاتُ لِلْفُقَرَاءِ وَالْمَسَاكِينِ وَالْعَامِلِينَ عَلَيْهَاوَالْمُؤَلَّفَةِ قُلُوبُهُمْ وَفِي الرِّقَابِ وَالْغَارِمِينَ وَفِي سَبِيلِاللَّهِ وَابْنِ السَّبِيلِ فَرِيضَةً مِنَ اللَّهِ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ [التوبة :60 ]
”सदक़े(ज़कात) तो मात्रफक़ीरों, मिसकीनों,उनकी वसूली केकार्य पर नियुक्तकर्मियों और उनलोगों के लिए हैंजिनके दिलों कोआकृष्ट करना औरपरचाना अभीष्टहो, तथा गर्दनोंको छुड़ाने, क़र्ज़दारोंके क़र्ज़ चुकाने,अल्लाह के मार्ग(जिहाद) में और (पथिक)मुसाफिर पर खर्चकरने के लिए हैं।यहअल्लाहकी ओर से निर्धारितकिए हुए हैं, औरअल्लाह तआला बड़ाजानकार, अत्यंततत्वदर्शी (हिकमतवाला) है।” (सूरतुत्तौबाः60)
तथा जमहूर उलमा(विद्वानों कीबहुमत) का मत यहहै कि अल्लाह तआलाके कथन ‘‘और अल्लाह के रास्तेमें’’ से अभिप्राय अल्लाहके रास्ते मेंजिहाद है।
तथा प्रश्न संख्याः(21805) और प्रश्न संख्याः(6977) का उत्तर देखें।
इस आधार पर ; मदरसों, या मस्जिदोंया नमाज़ स्थलोंको ज़कात के पैसोंसे बनाना जायज़नहीं है।
इसी तरह क़ुरआनकरीम की प्रतियोगिताओंमें भी ज़कात केपैसे नहीं खर्चकिए जायेंगे। तथाइन परियोजनाओंपर सहयोग करनेवालेनेकी और भलाई केरास्ते बहुत हैं, जैसे सदक़ा, दान, वक़्फ, अनुदान।
शैख इब्ने जिब्रीनरहिमहुल्लाह सेप्रश्न किया गया: हमारे पास एक संस्थाहै जो एक बड़ी परियोजनाका निर्माण करतीहै, और वह एक जामा मस्जिदऔर एक इस्लामीअरबी स्कूल कानिर्माण है, तथा उसमेंक़ुरआन करीम केकंठस्थ, और मेडिकलक्लीनिक का एकविशेष सेक्शन है।तो क्या इस तरहकी परियोजना केनिर्माण हेतु संस्थाके लिए ज़कात लेनाजायज़ है?
तो उन्हों ने उत्तरदिया :
‘‘मूल सिद्धांतयह है कि ज़कात कोक़ुरआन करीम मेंवर्णित आठ वर्गके लोगों में हीखर्च किया जाए, और वे हैं: गरीब लोग, मिस्कीनलोग, ज़कात पर कार्यकरनेवाले लोग, जिनकेदिलों को परचायाजाता हो, मुकातबगुलाम, क़र्ज़दार लोग, मुजाहिदलोग और रास्तेके मुसाफिर। लेकिनकुछ विद्वान इसबात की ओर गए हैंकि धर्मार्थ परियोजनाएं’अल्लाह के रास्ते’में दाखिल हैं, जबकि वरीयमत यह है कि वह केवलजिहाद है।
इस आधार पर ; इस परियोजनाके लिए ज़कात केअलावा कोई अन्यफंड ढूँढें। औरअल्लाह तआला हीसबसे अधिक ज्ञानरखता है।’’
”फतावा शैख इब्नेजिब्रीन” से समाप्तहुआ।
तथा ‘‘स्थायी समितिके फतावा’’ (9/447) में आयाहै :
‘‘रही बातक़ुरआन करीम केमदरसों की तो यदिज़कात देनेवालेने उसे मदरसा केकिसी निरीक्षकको दिया है ताकिवह उसे गरीब छात्रोंवगैरह को दे देतो ऐसा करना जायज़है, यहाँ तक कि यदिउसे उनकी ओर एकदूसरे देश से स्थानांतरितकिया गया हो, स्थानांतरणके हित के सुनिश्चितहोने के कारण।लेकिन यदि ज़कातदेनेवाला उसे मदरसेके बजट में भुगतानकर देता है ताकिवह क़ुरआन और धार्मिकज्ञान के शिक्षणपर खर्च किया जाएतो ऐसा करना जायज़नहीं है।’’ अंत हुआ।
तथा शैख इब्नेउसैमीन रहिमहुल्लाहसे पूछा गया : क्याज़कात को मस्जिदोंऔर मदरसों के निर्माणमें, तथा क़ुरआन करीमकी शिक्षा के जगहोंमें खर्च करनासंभव है?
तो उन्हों ने उत्तरदिया : ‘‘यह विद्वानोंके बीच मतभेद काविषय है। मतभेदके पैदा होने काकारण अल्लाह तआलाके कथन ”और अल्लाहके रास्ते में”की व्याख्या मेंहै, कि क्या इससेमुराद सामान्यहित की सभी वे चीज़ेंहैं जिनसे अल्लाहतआला की निकटताप्राप्त की जातीहै, या कि इससे मुरादकेवल अल्लाह केरास्ते में जिहादकरना है? और मेरेलिए जो बात प्रत्यक्षहोती है वह यह हैकि उससे अभिप्रायकेवल अल्लाह केमार्ग में जिहादकरना है। क्योंकिसर्वथा यही विख्यातहै, और यदि हम उसे सामान्यक़रार दें तो अल्लाहतआला के कथन : (”सदक़े(ज़कात) तो मात्रफक़ीरों, मिसकीनों… के लिए हैं।’’) में उसेसीमित करने काकोई लाभ नहीं होगा।इसलिए उसे केवलजिहाद करनेवालोंमें सीमित करनाही अघिक सावधानीका पक्ष है, और जिसकेअंदर अधिक सावधानीहै, वह अनुसरण किएजाने के लिए सर्वोचितहै।
रही बात जिसकीओर प्रश्न करनेवालेने संकेत कियाहै मदरसे बनानेजैसी चीज़ों का,तो वे भलाई के कार्यहैं जिन पर लोगोंको उभारा औरप्रोत्साहितकिया जायेगा, और उन परदूसरे फंडजैसे दान, तथा नेकीऔर भलाई के कार्योंसे पैसे खर्च किएजाएंगे।’’
”फतावा नूरून अलद-दर्ब”से समाप्त हुआ।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर
संबंधित उत्तरों