
वर्गीकरण
शाबान का महीना
अय्यामुल-बीज़ और शाबान के महीने में रोज़ा रखने के लिए प्रोत्साहन
हर महीने तीन दिन रोज़े रखना मुसतहब है, और सबसे अच्छा यह है कि ये (तीन रोज़े) अय्यामुल-बीज़ में रखे जाएँ, जो कि चाँद के महीने की 13वीं, 14वीं और 15वीं तारीख़ है। शाबान में तीन दिन रोज़े रखने में कोई हर्ज नहीं है, भले ही उनमें से कुछ महीने के उत्तरार्ध में हों। तथा शाबान के महीने में अधिक से अधिक रोज़ा रखने में भी कोई हर्ज नहीं है, बल्कि यह सुन्नत है।- 5,245
शाबान के दूसरे अर्ध भाग में रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा करने में कोई आपत्ति की बात नहीं है
- 3,728
रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा करने की नीयत से शक के दिन रोज़ा रखना
- 2,569
शाबान के अंतिम दिन गीतों के साथ खाने के लिए एकत्रित होना
- 3,728
क्या यह बात सही है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर स्वैच्छिक रोज़े इकट्ठा हो जाते थे तो आप उन्हें शाबान में कज़ा करते थेॽ
- 3,038
शक के दिन का रोज़ा रखना
- 5,647
शाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
- 4,419
क्या अल्लाह तआला अर्द्ध शाबान की रात को पहले आकाश पर उतरता हैॽ
- 6,265
शाबानिया (शब-ए-बारात) की बिदअत
- 5,479
अर्ध शाबान की रात को कोई विशिष्ट उपासना नहीं की जायेगी