उसने ज़ुलहिज्जा के नौ रोज़े रखने की मन्नत मानी है और उसका पति उसे मना कर रहा है
ज़ुल-हिज्जा के दिनों में अप्रतिबंधित और प्रतिबंधित तक्बीर (अल्लाहु अक्बर कहना)
जो आदमी क़ुर्बानी करना चाहता है वह किन चीज़ों से उपेक्षा करेगा?
|अप्रतिबंधिति और प्रतिबंधित तक्बीर (उसकी प्रतिष्ठा, समय और विधि)
उसकी मृत्यु हो गई और उसने कोताही की वजह से हज्ज नहीं किया तो क्या उसकी ओर से हज्ज किया जायेगा?
क्या पति के लिए ज़रूरी है कि वह अपनी पत्नी को हज्ज कराए?
हदीस : ”जिसने हज्ज किया और अश्लीलता से उपेक्षा किया …” का अर्थ
हज्ज अनिवार्य हुक़ूक़ जैसे कफफारात और क़र्ज़ को समाप्त नहीं करता है।
ऐसे धन से हज्ज करना जो मूल रूप से व्याज पर आधारित ऋण है
क्या वह अपनी पत्नी की बीमारी की वजह से हज्ज को विलंब कर देगा
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