भूकंपों की अधिकता के कारण
इस्लाम स्वीकार करना चाहता है और अरबी भाषा नहीं जानता है
इस्लाम में परिवार का स्थान
ईद या इस्तिस्क़ा की नमाज़ में इमाम के साथ तशह्हुद पाने वाले आदमी का हुक्म
अगर दिवालिया का धन उस के ऋण के भुगतान के लिए पर्याप्त न हो तो शेष राशि उस के ऊपर क़र्ज़ है, दिवालियापन के कारण वह समाप्त नहीं होगा
क़र्ज़ दार का मामूली किराये के बदले गिरवी रखे हुए घर में निवास से लाभान्वित होना
तिलावत के सज्दा की विधि और उसके लिए पवित्रता
उस के पास एक कृषि भूमि रेहन रख दिया ताकि वह उस से लाभ उठाये यहाँ तक कि वह उस के क़र्ज़ की अदायगी कर दे
रेहन की वैधता की हिकमत (तत्वदर्शिता)
वह काम करके थक गया है और जमाअत के साथ नमाज़ नहीं पढ़ना चाहता है
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