क्या यह सही है कि रोज़ा इफ़तार करते समय अल्लाह और उसके बंदों के बीच पर्दा उठ जाता है?
क्या यह सही है कि रोज़ेदारों के रोज़ा इफ़तार करते समय अल्लाह और उसके बंदों के बीच पर्दा उठ जाता है?
प्रश्न: 213633
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
प्रश्न संख्या (124410) के उत्तर में वर्णन किया जा चुका है कि रोज़ा इफ़तार करते समय अल्लाह और उसके बंदों के बीच पर्दा उठने के बारे में जो कुछ वर्णित है, उसका सुन्नत (हदीस) में कोई आधार नहीं है।
लेकिन यह बात साबित है कि रोज़ा इफ़तार करते समय रोज़ेदार की दुआ रद्द नहीं की जाती। तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 2526) ने अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “तीन प्रकार के लोग ऐसे हैं जिनकी दुआ रद्द नहीं की जाती : (एक) न्यायप्रिय इमाम (शासक), (दूसरा) रोज़ेदार जिस समय वह अपना रोज़ा खोलता है, और (तीसरा) मज़लूम की दुआ, अल्लाह उसे बादलों से ऊपर उठाता है, और उसके लिए आकाश के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं। और अल्लाह महिमावान फरमाता है : “मेरी महिमा की क़सम! मैं निश्चित रूप से तेरी मदद करूँगा, भले ही वह कुछ समय बाद हो।” इसे अलबानी ने “सहीह तिर्मिज़ी” में सहीह कहा है।
क़ारी रहिमहुल्लाह ने हदीस के शब्द “और रोज़ेदार जिस समय वह अपना रोज़ा खोलता है” के बारे में कहा :
“क्योंकि वह दुआ एक इबादत के बाद और विनम्रता एवं दरिद्रता की स्थिति में होती है।”
“मिर्क़ातुल-मफ़ातीह” (4/1534) से उद्धरण समाप्त हुआ।
अल्लाह तआला ने फरमाया :
وَإِذَا سَأَلَكَ عِبَادِي عَنِّي فَإِنِّي قَرِيبٌ أُجِيبُ دَعْوَةَ الدَّاعِ إِذَا دَعَانِ فَلْيَسْتَجِيبُوا لِي وَلْيُؤْمِنُوا بِي لَعَلَّهُمْ يَرْشُدُونَ
البقرة: 186
“और (ऐ नबी!) जब मेरे बंदे आपसे मेरे बारे में पूछें, तो निश्चय मैं (उनसे) क़रीब हूँ। मैं पुकारने वाले की दुआ क़बूल करता हूँ जब वह मुझे पुकारता है। तो उन्हें चाहिए कि वे मेरी बात मानें तथा मुझपर ईमान लाएँ, ताकि वे मार्गदर्शन पाएँ।” (सूरतुल-बक़रा : 186).
इब्ने कसीर रहिमहुल्लाह ने कहा :
“रोज़े के नियमों के बीच में अल्लाह तआला के दुआ करने के लिए प्रेरित करने वाली इस आयत का उल्लेख करने में : रमज़ान के रोज़े की अवधि पूरी होने पर, बल्कि प्रत्येक रोज़ा खोलने के समय, दुआ में परिश्रम करने के लिए एक मार्गदर्शन है।”
“तफ़सीर इब्ने कसीर” (1/374) से उद्धरण समाप्त हुआ।
निष्कर्ष यह कि : रोज़ेदार के रोज़ा इफतार करने का समय दुआ के स्वीकार किए जाने का संभावित समय है। जहाँ तक यह कहने का संबंध है कि रोज़ा इफतार करने के समय अल्लाह और उसके बंदों के बीच पर्दा उठ जाता है : तो हम इसका कोई आधार नहीं जानते।
अधिक जानकारी के लिए प्रश्न संख्या (39462 ) और (93066 ) के उत्तर देखें।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर
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