अल्लाह तआला के सिफात की तावील (अपनी इच्छा के अनुसार व्याख्या) करनेवाले का हुक्म
रजब के महीने में उम्रा करना
रोज़े में ज़बान से नीयत के शब्द बोलना बिदअत है
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कथन : “मुझे अपने झाड़-फूँक (रुक़्या) के शब्द बताओ, रुक़्या में कोई हर्ज नहीं है जब तक कि उसमें शिर्क का कोई तत्व नहीं है।” के बारे में
तौहीद (एकेश्वरवाद) का अर्थ और उस के प्रकार
विशेष अवसरों पर मोबाइल संदेशों का हुक्म
ज़ईफ हदीस में वर्णित शब्दों के साथ दुआ करने का हुक्म
अली की क़ब्र की ज़ियारत का सत्तर हज्ज के बराबर होने का मिथ्यावाद
क्या ईद पर उपहार देना बिद्अत है
क्या रमज़ान के आगमन के निकट होने की खुशी में बच्चों को मिठाइयाँ बांटकर अर्ध-शाबान की रात का जश्न मनाना जायज़ हैॽ
शाबान के अंतिम दिन गीतों के साथ खाने के लिए एकत्रित होना
रजब के महीने में चाँदी की अंगूठी पहनना
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्मदिन पर वितरित किए जाने वाले भोजन को खाना
वे एक दिन चुनकर मस्जिद में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बारे में बात करते हैं और उसे मीलाद का नाम देते हैं
आशूरा का विशेष भोजन खाना तथा आदमी का अपने जन्मदिन के अवसर पर सविस्तार ख़र्च करना
क्या अल्लाह तआला अर्द्ध शाबान की रात को पहले आकाश पर उतरता हैॽ
शाबानिया (शब-ए-बारात) की बिदअत
उसका अपने जन्मदिन के अवसर पर जिसे उसके परिवार वाले आयोजित करते हैं, उपहार स्वीकार करने और मिठाई खाने का हुक्म
दुआ और क़ुरआन का पाठ करने के लिए इकट्ठा होने का हुक्म
अपने जन्मदिन पर और पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्मदिन पर रोज़ा रखना
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