शव्वाल के महीने के दूसरे दिन रोज़ा रखना जायज़ है।
शव्वाल के छः रोज़ों की फज़ीलत
क्या यह कहना जायज़ है कि हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की मृत्यु शहादत की हालत में हुई थी ॽ
ज़कातुल फित्र निकालने का समय
सामर्थ्य के बावजूद जक़ातुल फित्र न निकालने का हुक्म
क्या गरीब व्यक्ति और उसके परिवार पर ज़कातुल-फ़ित्र अनिवार्य हैॽ
रोज़ेदार को इफतार कराने की फज़ीलत
अगर उसे मग़रिब से पाँच मिनट पहले मासिक धर्म आ जाए, तो क्या वह रोज़ा पूरा करेगीॽ
रमज़ान में संगीत सुनना
एक अवधि पूर्व ज़कातुल फित्र का अनाज खरीदने का हुक्म
यदि कोई व्यक्ति हुक्म या समय का ज्ञान न होने के कारण रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों का उपयोग कर ले
मीक़ात के गुज़र जाने के बाद एहराम बांधने वाले का हुक्म
रमज़ान के दिन में हस्तमैथुन किया और खाना खा लिया
क्या मज़ी रोजा अमान्य कर देता है
नमाज़ छोड़ने के साथ रमज़ान का रोज़ा नहीं क़बूल होगा
शारीरिक कार्य विश्वास का एक स्तंभ और अनिवार्य हिस्सा है जिसके बिना विश्वास विशुद्ध नहीं होता
ज़कात की वैद्धता की हिक्मत (तत्वदर्शिता)
रमज़ान तक ज़कात को विलंब करने का हुक्म
वह रोज़ा रखना चाहती है लेकिन वह अपना चेहरा और बाल नहीं ढकती है
क्या मोबाइल से या अपनी स्मरण शक्ति से क़ुरआन पढ़ने से अज्र व सवाब कम हो जाता हैॽ
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