उस व्यक्ति का खंडन जो यह कहता है कि अरफा के दिन का रोज़ा मसनून नहीं है।
हाजियों और अन्य लोगों के लिए ज़ुल-हिज्जा के आठ रोज़े रखना मुस्तहब है
क्या शाबान के पूरे महीने का रोज़ा रखना मुस्तहब है ?
रजब के महीने में रोज़ा रखना
आशूरा का रोज़ा केवल छोटे गुनाहों को मिटाता है, बड़े गुनाहों के लिए तौबा ही है
अकेले आशूरा के दिन का रोज़ा रखने का हुक्म
आशूरा के साथ नवें मुहर्रम का रोज़ा रखना मुसतहब है
आशूरा के रोज़े की फज़ीलत
मुहर्रम के महीने में अधिक से अधिक नफ्ल रोज़े रखने की फज़ीलत
उसने शव्वाल के छः रोज़े रखे और वह रोज़े को निरंतर जारी रखना चाहती है
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