उसके काम का समय तरावीह की नमाज़ से टकराता है, तो उसे क्या करना चाहिएॽ
हम क़द्र की रात (शबे क़द्र) को किस तरह जागें और शबे क़द्र कब होती है ?
तरावीह़ और रात के अंत में तहज्जुद के बीच विभाजन की वैधता
मासिक धर्म वाली महिला लैलतुल-क़द्र में क्या करे
क्या तरावीह की नमाज़ अकेले पढ़ी जाएगी या जमाअत के साथ पढ़ी जाएगीॽ क्या रमज़ान में क़ुरआन ख़त्म करना बिदअत हैॽ
क्या रमज़ान के क़ियाम की फज़ीलत प्राप्त करने के लिए उसकी सभी रातों का क़ियाम करना ज़रूरी हैॽ
नमाज़ के अंदर मुसहफ (क़ुरआन) से देखकर पढ़ने का हुक्म
किसी भी व्यक्ति के लिए यह सुनिश्चित करना संभव नहीं है कि कोई विशिष्ट रात लैलतुल क़द्र है।
क़द्र की रात को जागना और उसका जश्न मनाना
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम रमज़ान के दौरान या किसी अन्य समय में (रात की नमाज़) ग्यारह रकअत से अधिक नहीं नहीं पढ़ते थे
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