अरफह में ठहरने का समय यौमुन्नह्र (10 ज़ुलहिज्जा) के फज्र तक रहता है
हज्ज और उम्रा में ज़ुबान से नीयत करना धर्म संगत नहीं है
दूसरी मंज़िल या तीसरी मंज़िल से सई करने वाले के लिए सफा और मरवा के गुंबद का चक्कर लगाना आवश्यक नहीं है।
हज्ज का तरीक़ा
हज्ज का हुक्म
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