उसने मासिक धर्म से स्नान किया जबकि वह अपनी पलित्रता के प्रति सुनिश्चित नहीं थी, फिर वह फज्र से पहले सुनिश्चित हो गई और उसने स्नान को दोहराए बिना रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़ी। तो क्या उसका रोज़ा और नमाज़ सही हैंॽ
संपूर्ण स्नान और पर्याप्त स्नान का तरीक़ा
रमज़ान में फज्र के उदय होने तक जनाबत के स्नान को विलंब करना
जनाबत (अपवित्रता) से स्नान का तरीक़ा
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