शाबान के रोज़े को रमज़ान के साथ मिलाना
शाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
अपने जन्मदिन पर और पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्मदिन पर रोज़ा रखना
रमज़ान की क़ज़ा और आशूरा या अरफ़ा के रोज़े को एकत्रित करना
अगर मासिक धर्म वाली महिला का आशूरा का रोज़ा छूट जाए तो क्या वह उसके बाद इसकी क़ज़ा करेगीॽ
क्या आशूरा का अज्र व सवाब उस व्यक्ति को मिलेगा जो इसके रोज़े की नीयत दिन के दौरान करे?
धर्म शास्त्री आशूरा (दसवीं मुहर्रम) के दिन के साथ ग्यारहवीं मुहर्रम का रोज़ा रखना क्यों मुस्तहब समझते हैंॽ
तश्रीक़ के दिनों के रोज़े का हुक्म
उस व्यक्ति का खंडन जो यह कहता है कि अरफा के दिन का रोज़ा मसनून नहीं है।
हाजियों और अन्य लोगों के लिए ज़ुल-हिज्जा के आठ रोज़े रखना मुस्तहब है
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