उसने रमज़ान में रोज़ा तोड़ने की क़सम खाई
क़सम के कफ़्फ़ारा में खाना खिलाने की क्षमता के बावजूद रोज़ा रखना पर्याप्त नहीं है
क़सम के कफ़्फ़ारा के रोज़े में निरंतरता शर्त नहीं है
उसे सच्ची या झूठी कसम खाने की आदत है, तो वह इन कसमों का प्रायश्चित कैसे करे?
क़सम का कफ़्फ़ारा विस्तार से क्या हैॽ
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