यज़ीद बिन मुआविया के बारे में हमारा रुख
आशूरा का रोज़ा केवल छोटे गुनाहों को मिटाता है, बड़े गुनाहों के लिए तौबा ही है
जो व्यक्ति क़ुर्बानी को तश्रीक़ के दिनों तक विलंब करना चाहता है क्या उसके ऊपर अपने बाल और नाखून काटना निषिद्ध है?
उस आदमी का हुक्म जो क़ुर्बानी करता है जबकि वह नमाज़ का छोड़ने वाला है
क्या गैर शादीशुदा महिला के लिए अपनी तरफ से क़ुर्बानी करना जायज़ है
”घर वालों” का नियम क्या है जिनकी ओर से एक क़ुर्बानी काफी होता है
दस दिनों के बजाय (दस रातों) के उल्लेख की हिकमत (बुद्धिमत्ता) क्या है?
उसने ज़ुलहिज्जा के नौ रोज़े रखने की मन्नत मानी है और उसका पति उसे मना कर रहा है
ज़ुल-हिज्जा के दिनों में अप्रतिबंधित और प्रतिबंधित तक्बीर (अल्लाहु अक्बर कहना)
जो आदमी क़ुर्बानी करना चाहता है वह किन चीज़ों से उपेक्षा करेगा?
|अप्रतिबंधिति और प्रतिबंधित तक्बीर (उसकी प्रतिष्ठा, समय और विधि)
उसकी मृत्यु हो गई और उसने कोताही की वजह से हज्ज नहीं किया तो क्या उसकी ओर से हज्ज किया जायेगा?
क्या पति के लिए ज़रूरी है कि वह अपनी पत्नी को हज्ज कराए?
हदीस : ”जिसने हज्ज किया और अश्लीलता से उपेक्षा किया …” का अर्थ
हज्ज अनिवार्य हुक़ूक़ जैसे कफफारात और क़र्ज़ को समाप्त नहीं करता है।
ऐसे धन से हज्ज करना जो मूल रूप से व्याज पर आधारित ऋण है
क्या वह अपनी पत्नी की बीमारी की वजह से हज्ज को विलंब कर देगा
क्या हज्ज करने के बाद मुसलमान के पापों की क्षमा सुनिश्चित है या कि वह चिंतित और डरता हुआ रहेगा?
जिसने हज्ज या उम्रा में किसी दूसरे का प्रतिनिधित्व किया, क्या उसे उसके समान सवाब मिलेगा?
क्या उसके लिए सोने को गिरवी रखना जायज़ है ताकि वह और उसकी पत्नी हज्ज करने के लिए धन प्राप्त कर सकें?
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