गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के रोज़े का हुक्म
जिसने रोज़ा रखा उसके लिए एक अज्र है और जिसने रोज़ा तोड़ दिया उसके लिए दोहरा अज्र है
वह सैन्य क्षेत्र में काम करता है तो क्या उसके लिए रमज़ान में रोज़ा तोड़ देना जाइज़ है ?
होश खो देने वाले का रोज़ा रखना
महिला से लगातार निकलने वाला स्राव रोज़े को प्रभावित नहीं करता है
परीक्षा रमज़ान के महीने में रोज़ा तोड़ने को वैध नहीं करता
तेज़ गर्मी और घायलों के उपचार के लिए रोज़ा तोड़ने का हुक्म
क्या गर्भवती और दूध पिलानेवाली महिला के लिए क़ज़ा के अलावा कोई अन्य समाधान है ?
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