उसने शव्वाल के छः रोज़े रखे और वह रोज़े को निरंतर जारी रखना चाहती है
क़सम का कफ्फारा अनिवार्य होने के साथ सोमवार और जुमेरात का रोज़ा रखना
अगर मासिक धर्म वाली महिला का आशूरा का रोज़ा छूट जाए तो क्या वह उसके बाद इसकी क़ज़ा करेगीॽ
नज़्र (मन्नत) के रोज़े को शव्वाल के छः दिनों के रोज़ों पर प्राथमिकता प्राप्त है ?
रमज़ान की क़ज़ा और आशूरा या अरफ़ा के रोज़े को एकत्रित करना
धर्म शास्त्री आशूरा (दसवीं मुहर्रम) के दिन के साथ ग्यारहवीं मुहर्रम का रोज़ा रखना क्यों मुस्तहब समझते हैंॽ
क्या आशूरा का अज्र व सवाब उस व्यक्ति को मिलेगा जो इसके रोज़े की नीयत दिन के दौरान करे?
आशूरा के साथ नवें मुहर्रम का रोज़ा रखना मुसतहब है
अकेले आशूरा के दिन का रोज़ा रखने का हुक्म
आशूरा के रोज़े की फज़ीलत
हाजियों और अन्य लोगों के लिए ज़ुल-हिज्जा के आठ रोज़े रखना मुस्तहब है
शव्वाल के छ: रोज़ों और अय्यामे बीज़ के रोज़ों को एक ही नीयत में एकत्रित करना
उस व्यक्ति का खंडन जो यह कहता है कि अरफा के दिन का रोज़ा मसनून नहीं है।
क्या शव्वाल के रोज़े प्रति वर्ष रखने ज़रूरी हैं ?
क्या शव्वाल के छः रोज़ों को निरंतर व लगातार रखना शर्त है
मुसलमान शव्वाल के छः रोज़ों की शुरूआत कब करेगा ॽ
क्या शव्वाल के छः रोज़ों को सोमवार और जुमेरात के दिन रखा जा सकता है ॽ
क्या वह नफ्ल रोज़े रख सकती है जबकि उसके ऊपर रमज़ान के कुछ दिनों के रोज़े बाक़ी हैं ॽ
क्या शव्वाल के छ: रोज़े रखना मक्रूह है जैसाकि कुछ विद्वानों का कहना है ?
शाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
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